जैसे कोई हौले से पास बुलाये..........
कैसी मीठी बातें थी वो कैसी मुलाकातें थी वो
जब मैंने जाना था नज़रों से कैसे पिघलते है दिल
और आरजू पाती हैं कैसे मंजिल और ....
कैसे उतरता हैं चाँद है ज़मीन पर
कैसे कभी लगता हैं स्वर्ग अगर हैं तो बस हैं यहीं पर
उसने बताया मुझे और समझाया मुझे
हम जो मिले हैं हमे ऐसे ही मिलना था
गुल जो खिले हैं उन्हें ऐसे ही खिलना था
जनमों के बंधन जनमों के रिश्ते हैं
जब भी हम जन्मे तो हम यूँही मिलते हैं ....
Wednesday, September 24, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
3 comments:
wonderful lyrics
Thanks :)
Its a few lines from a song actually.
oh really?? and I thought u wrote it :)
Post a Comment